Saturday, January 18, 2014

क्या है कालसर्प योग का समाधान...?

                                                              कालसर्प योग 

कालसर्प योग एक भयानक पीडादायक योग माना गया है। यह योग जिसकी जन्मकुण्डली में होता है उसे काफी दुख और तकलीफें सहनी पडती है। वास्तव मे कालसर्प योग का मतलब है काल यानी मृत्यु और सर्प यानी साँप। जब जन्मकुण्डली में सारे ग्रह राहू और केतू के बीच आ जाते हैं तब कालसर्प योग बनता है। कालसर्प योग से तो भगवान राम भी नहीं बच पाए थे। जब भगवान राम और लक्ष्मण को शत्रुओं नेनागपाश से बांध दिया था, वही कालसर्प है।
कालसर्प योग के कारण मनुष्य को विभिन्न पीडा और दुख सहना पडता है। व्यापार में नुकसान, मानसिक, आर्थिक परेशानी, संतान नहीं होना, बुरे स्वप्न आना, स्वप्न में सांप दिखना आदि कालसर्प के लक्षण हैं। स्वप्न में यदि किसी को सर्प दिखाई दे जिसका रंग सुनहरा, पीला या लाल हो या फिर मिश्रित रंग का हो तो यह आपके लिए बहुत ही शुभ संकेत है। इसका मतलब आपके घर में धन आने वाला है।
यदि सपने में काला सर्प दिखाई दे और डसता हुआ नजर आए तो यह स्वप्न मृत्यु की सूचना देता है। यह स्वप्न प्रभावी होता है इसलिए जातक को सुबह उठकर शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। स्वप्न में यदि उडता हुआ सांप दिखाई दे तो इसका अर्थ होता है कि आपके घर में जो संतान होगी उसकी कुंउली में कालसर्प योग होगा।
सपने में यदि पानी में तैरता हुआ सांप दिखाई दे तो तो यह संतान के कालग्रसित होने का संकेत देता है। कुंडली में कालसर्प योग होने पर जातक को इसकी विधिपूर्वक पूजा करवानी चाहिए इससे कालसर्प योग का प्रभाव कम हो जाता है।

No comments:

Post a Comment